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Living Feminisms
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किताबो का बक्सा

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"सविता सब कुछ सुन रही थी । उसकी आँखों में दुःख के आंसू छलक आए । मन में तो आया कि इन औरतो को कोई कारण जवाब दे । लेखिन चुप रही । वह नए जीवन की शुरुआत झगड़े से नहीं करना चाहती थी । " आगे पढ़िए...
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अपनी पहचान कैसे बनाए ?

by वीणा शिवपुरी
" अपनी स्वतंत्र पहचान बनने के लिए पहले अपने आपसे पहचान करनी पड़ेगी । अपने शरीर से पहचान बढ़ाए । ... अपने मन और अपनी बुद्धि से दोस्ती करे । ... अपने सपनो को पहचाने । ... समाज लड़की या औरत के लिए जो निश्श्चित छवियां देता हैं उन्हे तोड़ने की हिम्मत पैदा करे । " आगे पढ़िए...
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अपनी कमाई पर अपना अधिकार

by मीनु बढेरा
"आर्थिक स्वंत्रता संदर्श का एक सिरा हैं । इस संदर्श को किसी भी सिरे से शुरू करो अंतत: वह व्यापक संदर्श से जुड़ जाता हैं । औरते जब आर्थिक रूप से स्वंतत्र होगी, तब वे मारपीट करने वाले , दारु पीने वाले पति को भी घर से निकाल बाहर कर सकती हैं । उनमे एक आत्माविश्वास होगा कि काम से काम में और मेरा परिवार भूखे तो नहीं मरेंगे ... यह लड़ाई तो पूरी सामाजिक व्यवस्था के साथ हैं । " आगे पढ़िए...
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हमारी बात

by ज्ञानेंद्र जैन
औरतों को आगे बढ़ कर सदियों से उगे इन झाड़- झखादो को तोड़ फेकना हैं । अपना दायरा सिर्फ घर- परिवार, रोटी - पनि और बच्चों तक ही सीमति नहीं रखना हैं । नई - नई जानकारिया हासिल कर अपना ज्ञान व आत्मविश्वास बढ़ाना हैं । " आगे पढ़िए...
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तुमकुर का पंचायती का विशेष

by सवाददाता
" फिर भी कार्यक्रम की गतिशीलता और कोशिशों को नज़र- अंदाज़ नहीं किया जा सकता । कार्यक्रम से औरतों में आपसी स्नेह और आत्मीयता बढ़ी हैं । जो औरतों इस बार कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकी उन्होंने निश्यय किया कि वे अगली दफा इस मौके को हाथ से नहीं जाने देंगी । जो इस बार चुनाव में नहीं खड़ी हुई वे अगले साल चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं । " आगे पढ़िए ...
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राजनीति में औरतों की सक्रिय भागीदारी हो

by वीणा शिवपुरी
" भाविषय में औरतें चुनावी राजनीति में एक बड़ी ताकत के रूप में उभर सकती हैं । ज़रुरत हैं काफी मेहनत की, ताकि वे अपनी ताकत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर पाएं । ... पंचायत में चुनी जाने वाली औरतों के पास अनुभव, जानकारी और आत्मिविश्वास की कमी भी हो सकती हैं । इन सभी भी रकावठाें को पर करते हुए आगे बढ़ना हैं । " आगे पढ़िए ...

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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