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जहां औरतों का दर्जा ऊंचा हैं मेघालय का समाज

by वीणा शिवपुरी
" मेघालय प्रांत हमारे देश के उतर पूर्व में पहाड़ों पर बसा हुआ हैं । यहां तीन तरह की जन- जातियों के लोग रहते हैं । उनके नाम हैं खासी, जैतिया और गारो । ... इस समाज में एक बड़ी खास बात हैं । यहां किसी भी आदमी - औरत के खानदान का पता उसकी मां के नाम से चलता हैं ।... यहाँ सास - ससुर की तोड़ना , पति की मार- पीट , सड़क चलते छेड़छाड़ का नामनिशान भी नहीं हैं । देहज, हत्या और बलात्कार भी नहीं होते । हमारे देश के एक हिस्से में ऐसा सुन्दर समाज भी हैं ।" आगे पढ़िए
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हमारी बात

by
"औरत हैं या कठपुतली हैं जानती हैं या करमजली हैं कदम कदम पर ठोकर खाती फिर भी सबके साथ चली हैं किसके हाथों में हैं डोर किसका चलता किस कर ज़ोर " आगे पढ़िए...
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'सबला' महिला पंचायत ने मामला यो सुलझाया

by सुहास कुमार
" सबला संघ दिल्ली की चार पुर्नवास बस्तियों - जहांगीरी, नंदनगरी , सीमापुरी, दक्षिणपुरी - में सक्रीय हैं । संघ ने लगभग दो साल से इन क्षेत्रों में महिला पंचायतों का गठन शुरू किया । ये पंचायत तरह - तरह के पारिवारिक मामले सफलता पूर्वक सुलझा रही हैं । इनके मुख्य हथियार हैं सामाजिक बहिष्कार का दवाब , स्तानीय लोगो की भागीदारी , कानूनी जानकारी और होकर कदम बढ़ाना ।" आगे पढ़िए...
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महिला शक्तिकरण सफर भी और मज़िल भी

by विशेष सवाददाता
"आज अनेक संस्थाएं शहरों , गावो और पिछड़े आदिवासी इलाको में औरतो के साथ काम कर रही हैं । उनके काम के दायरे काफी अलग - अलग भी हैं । कुछ का ज़ोर औरतो की आमदनी बढ़ाने वाले कामों पर हैं कुछ औरतो को शिक्षित करने में लगी हैं । कुछ अन्य संस्थाएं औरतो में जागरूकता लाने के काम से जुडी हैं । उन्हें संगठित कर रही हैं । इन सभी रास्तो को अपनाने के पीछे उनका मकसद एक ही हैं । औरत को ताकतवर बनने में उसकी मदद करना । आज तक की उसकी आधीनता को ख़त्म करना । एक स्वतन्त्र वेक्ति के रूप में उसकी पहचान बनाना । " आगे पढ़िए…
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एक रपट चेतना - नई दिशाएं

by चेतना
" महिला संगठनों की कड़ी में आइए आज आपको गुजरात में सन् 1980 में एक परियोजना के रूप में शुरू किए गए समूह 'चेतना' के बारे में बताएं । चेतना संस्था मुख्य रूप से औरतो और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में काम कर रही हैं । " आगे पढ़िए ...
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सेवा बैंक एक सफल प्रयास

by जूही जैन
" सेवा बैंक ने इस धारण को तोडा हैं कि गरीबो के लिए बैंक और क़र्ज़ कि व्वस्था होने में नफा नहीं हैं । इस बैंक ने गरीब औरतो को देश के आर्थिक विकास में सहायक हिस्सेदार बनाया हैं । अक्सर देखा गया हैं कि औरते अपनी आय का ज़्यादातर हिस्सा अपने परिवार के खान -पान , रहन - सहन , पढ़ाई , रोज़गार आदि पर ख़र्च करती हैं । इन औरतो को अपनी आमदनी पर नियंत्रण हासिल करने में मदद करना, अपनी ज़िन्दगी पर हक़ और नियंत्रण हासिल करने की दशा में महत्वपूर्ण कदम हैं । " आगे पढ़िए…

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
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About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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