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इक्कीसवीं सदी की ओर महिलाओं के बढ़ते कदम

by सुहास कुमार
" साक्षरता आंदोलन चाहे महिलाओं को पूर्ण साक्षर बनाने में सफल न हुए हो पर गाव की महिलाओं को घर की चार- दीवारों से बाहर निकलने में अवश्य सफल हुए हैं । ... महिला पांचों तथा सभी महिलाओं को यह समझना हैं कि देश में स्वतंत्र लोकतंत्र बनाए रखने के लिए राजकाज में उनकी भागीदारी ज़रूरी हैं । " आगे पढ़िए...
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महिला समाख्या महिला शक्ति की ओर

by कमला भसीन
" समाख्या का अर्थ हुआ समान स्तर या समान सोच के लोगो के बीच बातचीत । इसका एक अर्थ और भी लगाया जा सकता हैं - समानता के लिये बातचीत या प्रयत्न । ...जो इलम की इबारत चेले की आंख में थी बस हम उसी को पढ़ कर उस्ताद हो गए हैं ... " आगे पढ़िए
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भावनाओं पर लगाम

by वीणा शिवपुरी
" संदर्श करने , नई दुनिया बनाने के लिए जोश , उत्साह , आशा और गुस्से की ज़रुरत हैं । हम सभी इंसान हैं, कभी निराश भी होती हैं तो कभी उदास भी । ... परन्तु चौकस रहने की ज़रुरत हैं कि हम अपनी ज़िंदगी और ये दुनिया बेहतर बनाने के लिए भावनाओ का इस्तेमाल करें, न कि खुद उनके हाथों की कठपुतली बन जाए । " आगे पढ़िए...
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पंचायती राज : कुछ अनुभव

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"...पंचायत में औरतो की भागीदारी पर ज़ोर देना सरकार का महज एक राजनीतिक हथकंडा हैं । ... इससे एक बात साफ हो जाती हैं की पंचायतों में औरतो की सक्रीय हिस्सेदारी , पंचायतों को ज़्यादा जवाबदेह , प्रभावी और प्रगतिशील बना देती हैं । " आगे पढ़िए
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महिला पंच और पंचायतीराज

by सुहास कुमार
" बहना, यह तो भारी ज़िम्मेदारी हैं । हमे तो बहुत कुछ सीखना व जानना होगा तभी हम यह ज़िम्मेदारी उठा पाएंगी । वैसे हैं तो यह बड़ी रोमांचकारी खबर । फिर तो बहुत ढेर सी महिलाएं राजनीति में आ जाएंगी । " आगे पढ़िए...
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अपनी दुकान: एक सफल प्रयोग

by जूही जैन
"हममे हिम्मत हममे ताकत हममे पूरा दम हैं किसने कहा कि औरत जाति मर्दो से कुछ कम हैं ।" आगे पढ़िए...

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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