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Living Feminisms
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औरतों का अपना बैंक

by जूही जैन
"घर चलाना, बचत करना तो कोई हम औरतों से सीखे । फिर जो काम हम छोटे पैमाने पर अपने घरों में, रोज़मर्रा की ज़िंदगी में करती हैं , वही बड़े पैमाने पर बाहर क्यों नहीं कर सकती हैं? " आगे पढ़िए...
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अपनी मर्ज़ी की दुनिया बनाएंगे

by कमला भसीन
"औरतों को एक बार फिर से राजनैतिक आंदोलन छेड़ना होगा । ...ऐसी सरकारें लानी होगी जो औरतों की ज़रूरतें समझें और उन्हें पूरा करें । जो समझ में ऐसा माहौल बनाएं जहां औरतें सुरक्षित हो और अपने आप को सुरक्षित महसूस करें । ... भाग्य बरोसे बैठने से काम नहीं चलता । अच्छा भाग्य बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी .... " आगे पढ़िए...
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हम सब नेता बन सकती हैं

by वीणा शिवपुरी
"... हम सबकी तरह गाव की सीधी - सादी अनपढ़ औरत थी । बस, यही सोच लो कि पहले कदम लेने वाली औरतों आसमान से नहीं उतरती । वे हम लोगों के बीच से ही उठती हैं । बात तो बस ठान लाने की हैं । औरत एक बार कुछ ठान ले तो कोई उसे डिगा नहीं सकता । " आगे पढ़िए...
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पंचायत विधेयक क्या हैं ?

by रेणुका मिश्रा
"...स्त्रियों के संबंध में उठता हैं वह यह हैं अमीर व ऊंची जाति के प्रभावशील लोगो के रिश्ते वाली महिलाओं को चुन लिया जाएगा । उनकी आवाज़ वही होगा जो उनके प्रति या रिश्तेदार कहेंगे ? यहा खतरा हैं , पर इसके प्रति सावधान रहना तथा महिलाओं के समूहों के लिए ज़रूरी हैं कि इसे समक्षें । इसके प्रति जागरूक रहें तथा ऐसी महिलाओं का यचन करें जो न केवल महिलाओं से संबंधित सवालों पर हस्तक्षेप करें बलिक गाव के मसलों में सक्रिय भूमिका निभाएं । " आगे पढ़िए...
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वोट हमारा हक़ भी हैं और फ़र्ज़ भी

by कमला भसीन
"हम औरते घर चलाने और सफाई करने में माहिर हैं । हमे पंचायत घरों , संसद भवनों को भी चलाना सीखना होगा । महात्मा गांधी और विनोबा भावे दोनों का यह मानना और कहना था कि अहिंसा और सच्ची राजनीति लाने के लिए महिलाओं को ही आगे आना पडेगा । ... . राजनीति में सफल होने के लिए व राजनीति को अच्छी तरह चलने के लिए हमे साक्षरता, शिक्षा , तकनीक का प्रसार औरतों में करना होगा । " आगे पढ़िए...
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औरतों के हाथ में आई ताकत : एक अनुभव

by वीणा शिवपुरी
" गाव की सभी औरतों में एक नया आत्मविशवास जागा हैं उन्हें अपने महत्त्व का अहसास पैदा हुआ हैं । .... आज तक राजनीतिक क्षेत्र में जो औरतें आई भी हैं वे किसी न किसी नेता की बहन , पत्नी या बेटी होने की वजह से । अब ज़रुरत हैं सवतंत्र , सशकत, नारीवादी महिलाओं की जो अपने बलबूते पर इस अखाड़े में उतरे । " आगे पढ़िए...

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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