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धारा 300 संशोधन बिल 2010

कानून
by महेंद्र कुमार सिंह
केंद्रीय सरकार द्वारा 'भारतीय दंड संहिता व अन्य दुसरे कानून (संशोधन) बिल 2010' के माध्यम से धारा 300 जिसमें हत्या की चार परिभाषाएं दर्ज हैं, में पांचवा खंड जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के तहत खाप पंचायतों द्वारा मौत के फतवे जारी करने वाले सभी लोगों को मुख्य अभियुक्त यानी क़त्ल के जुर्म में दोषी माना जायेगा और मृत्युदंड दिया जा सकेगा। प्रस्तुत है इसी से जुड़ा टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार में छपा समाचार।
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खाप पंचायत: दुःसाहस के लक्षण

संवाद
by जागमती सांगवान
इस लेख में 'जनवादी महिला समिति' की राज्याध्यक्ष, जागमती सांगवान हरियाणा में बढ़ते प्रतिगामी सामंतवादी चेतना, जाती पंचायतों द्वारा असंवैधानिक तरीकों से अवैध फैसले जारी करने के मामलों और प्रगतिशील विचारधारा वाले लोगों पर हमलों की तरफ ध्यान केंद्रित करती हैं।
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पगला गई है भागो

कहानी
by मैत्रेयी पुष्पा
पढ़िए हिंदी साहित्य जगत की मशहूर लेखिका, मैत्रेयी पुष्पा की लिखी 'सम्मान जनित हत्या' के घृणित अपराध पर आधारित कहानी- पगला गई भागो।
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रिवाजी व्यवहार: दक्षिण एशिया में महिला हिंसा की रूपरेखा

by राधिका कुमारास्वामी
इस लेख में दक्षिण एशिया में व्याप्त विभिन्न रिवाज़ी व्यवहारों, जैसे सम्मान जनित हत्या, वधु दहन, तेज़ाब हमले, सती प्रथा, बलात्कार के माध्यम से विवाह, बाल विवाह, बेटे की चाह आदि, के आलोक में इस क्षेत्र में महिला के खिलाफ हो रहे हिंसा की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।
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खाप पंचायत, लिंग अनुपात व स्त्री शक्ति

by रविंदर कौर
प्रस्तुत लेख में खाप पंचायतों के पुनरुत्थान के पीछे कारणों का विश्लेषण किया गया है। इसमें खाप पंचायतें जिन विवाहों व संबंधों का विरोध कर रही है उनकी व्याख्या की गई है जिससे ज़ाहिर होता है कि आम धारणा के विपरीत ये हमेशा स्व-चयनित शादियों के ही खिलाफ नहीं हैं बल्कि कई अन्य तरह के विवाहों पर इनकी आपत्ति है। यह लेख हरियाणवी समाज में व्याप्त लैंगिक असंतुलन को भी प्रकाशित करता है। साथ ही इस पुरुष प्रधान समाज में केवल औरतों द्वारा सार्वजनिक रूप से खाप पंचायतों व उनकी हुकूमत को चुनौती देने की सच्चाई को भी सामने लाता है।
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अपमानजनक हत्याएं

by ऋतू मेनन
इस लेख में अवैध व असंवैधानिक जाती पंचायतों द्वारा गाँव की 'प्रतिष्ठा की रक्षा' के लिए करवाए गए हत्याओं को रोकने में राज्य की निष्क्रियता पर टिप्पणी की गई है। ये 'सम्मान' जनित हत्याएं हमारे आधुनिक समाज में, दिन दहाड़े, कानून के संरक्षकों की जानकारी के साथ घटती हैं जिसमें राज्य मूक समर्थन के ज़रिये खुद को अपराधकर्म करने वालों के साथ सम्मिलित कर लेता है।

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About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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