shopify site analytics
Hindi / English
Living Feminisms
  • About
  • Features
  • .
  • Archive
  • Contact
Article

बच्चों पर विशवास करना ज़रूरी है

संवाद
by जुही जैन
प्रस्तुत लेख में बच्चों के साथ यौन हिंसा के मुद्दे पर एक कोमल, खामोश रवैया नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति ईजाद करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। 'पॉक्सो' कानून का पास होना इस दिशा में एक अत्यंत सकारात्मक कदम है पर इसके साथ ही अभिभावकों का बच्चों के साथ एक संवेदनशील सम्बन्ध बनाना भी ज़रूरी है।
Article

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून, 2012

कानून
by फ्लेविया एगनिस
नवम्बर 2012 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण क़ानून लागू किया गया। यह बाल पीड़ितों की ज़रूरतों को वयस्क पीड़ितों के मुकाबले अलग तरह से मान्यता देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। प्रस्तुत लेख में इस क़ानून के तहत विभिन्न अपराधों के बारे में प्रावधानों का वर्णन किया गया है।
Article

आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2013

कानून
by फ्लेविया एगनिस
दिसंबर 2012 में निर्भया बलात्कार व हत्या काण्ड ने वर्षों से चल रही आपराधिक कानून में सुधार लाने की मांग को और अधिक मुखर कर दिया जिसके फलस्वरूप वर्मा आयोग के सुझावों को मद्देनज़र रखते हुए संसद ने अप्रैल 2013 में इस कानून में संशोधन को मंज़ूरी देते हुए इसे लागू करने का आदेश जारी किया। प्रस्तुत लेख में इस सुधार अधिनियम के चलते आपराधिक कानून की प्रमुख धारायों में आए बदलाव का उल्लेख है।
Article

वर्मा आयोग के सुझाव

अभियान
by
महिलाओं के प्रति बढ़ते यौन अपराधों और आपराधिक कानून में संशोधन की मांग के चलते सरकार के दिसंबर 2012 में वर्मा आयोग का गठन किया। समस्त देश के लगभग सत्तर हज़ार सुझावों, नागृक समूहों, कार्यकर्ताओं और अन्य पणधारियों के साथ विचार विमर्श के बाद समिति ने एक सशक्त सुझाव सामने रखे जिनमें से प्रमुख प्रस्तावों को प्रस्तुत लेख में सूचीबद्ध किया गया है।
Article

राशिदा मांजू का व्यक्तव्य

अभियान
by रशीदा मांजू
संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिवेदक राशिदा मांजू ने महिला हिंसा पर अपने इस व्यक्तव्य में भारत से दण्डमुक्ति, असमानता और भेदभाव की संस्कृति ख़त्म करने की मांग रखी ताकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को जड़ से मिटाया जा सके।
Article

महिला संगठनों द्वारा यौन हिंसा व मृत्युदंड विरोधी व्यक्तव्य

अभियान
by महिला संगठनों व प्रगतिशील समूहों के सदस्यगण
यह व्यक्तव्य समस्त देश के ज़िम्मेदार नागरिकों द्वारा दिसंबर 2012 में घटित निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड के बाद दर्ज किया गया जिसमें इन्साफ की मांग करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया गया कि बलात्कार व यौन हिंसा के अन्य रूप केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है, यह एक राजनैतिक मुद्दा है जिससे हर नागरिक का सरोकार होना चाहिए। इस न्याय की मांग में मृत्युदंड कदापि शामिल नहीं है अपितु इसमें विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए मृत्युदंड के प्रावधान की मुख़ालफ़त की गई है।

Pages

  • « first
  • ‹ previous
  • …
  • 36
  • 37
  • 38
  • 39
  • 40
  • 41
  • 42
  • 43
  • 44
  • …
  • next ›
  • last »

Share This Page

Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

Disclaimer                   |                  Contact                  |                  Jagori