shopify site analytics
Hindi / English
Living Feminisms
  • About
  • Features
  • .
  • Archive
  • Contact
Article

सर्कस की 'नई' दुनिया की झलकियाँ

संवाद
by मैरी-ऐन्द्री रौबितैल
मारी-एंड्री इस संवाद में सर्कस की दुनिया के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बताती हैं। साथ ही वे अपनी गाइनॉइड्स परियोजना की शुरुआत के बारे में भी साझा करती हैं जिसका उद्देश्य सर्कस के परिवेश में औरतों की वैकल्पिक भूमिकाओं को बढ़ावा देना और नारीवादी कार्यनीतियां लागु करना है।
Article

हंसा वाडेकर- रंगमंच व मराठी फिल्म अभिनेत्री

आमने- सामने
by नगमा जावेद मालिक
रंगमंच व मराठी फिल्म अभिनेत्री हंसा वाडेकर न केवल एक बेहतरीन कलाकार थीं अपितु एक कलमकार भी थीं। उनकी निजी जीवन अत्यंत संघर्षरत और नाखुश थी जिसकी व्याख्या उन्होंने अपनी आत्मकथा "मैं कहती हूँ, तुम सुनो" में किया है। श्याम बेनेगल की फिल्म "भूमिका" हंसा के जीवन पर आधारित एक प्रभावशाली कहानी है।
Article

अलविदा ज़ोहरा आपा

यादगार
by गौहर रज़ा
ज़ोहरा सेगल का खिलखिलाता चेहरा, उनकी चुलबुली आवाज़, उनकी प्यार भरी आँखें, उनका अनोखा व जादू भरा अंदाज़- उनकी कई खूबियों में से कुछ हैं। अपनी प्रतिभा और सादगी के ज़रिये सभी के दिलों में बस्ने वाली ज़ोहरा आपा 102 साल की उम्र में ईश्वर को प्यारी हो गईं। इस यादगार में गौहर रज़ा ज़ोहरा आपा के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हैं।
Article

बिंदिया- मेरी दोस्त, मेरी हमसफ़र

यादगार
by कमला भसीन
कमला के शब्द और बिंदिया के चित्रों की प्रेरणादायक विरासत अतुलनीय है। बतौर 'यादगार' एक दोस्त के कलम से निकले ये अलफ़ाज़ और इन सफ़ों को सजाने वाले तमाम कलाकृतियां जागोरी की सबसे रचनात्मक जोड़ी- कमला भसीन व बिंदिया थापर- की सृजनात्मक साझेदारी की एक छोटी सी झलक है।
Gallery

मिथिला पेंटिंग

हम सबला (जुलाई-दिसंबर 2014)
by अनामिका
Article

सूफ़ी तबला कव्वाली की धुन

संवाद
by अमीना चिश्ती
अमीना चिश्ती कव्वाली-तबला शैली चलाने वाली पहली महिला फनकार हैं जिन्होंने एक फुटबॉल प्रेमी से सूफ़ी बनने तक का दिलचश्प सफर तय किया। इस लेख में पढ़िए अमीना की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी।

Pages

  • « first
  • ‹ previous
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • next ›
  • last »

Share This Page

Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

Disclaimer                   |                  Contact                  |                  Jagori