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Living Feminisms
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औरतज़ात

कहानी
by उर्मिला पवार
मराठी साहित्य जगत की मशहूर लेखिका उर्मिला पवार की लिखी, एक औरत की इन्साफ व आत्मसम्मान के लिए लड़ाई पर आधारित यह कहानी, समाज में औरतज़ात के साथ प्रायः होते नाइंसाफी की दर्दनाक छवि प्रस्तुत करती है।
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मेरे आसमान में चमकता सितारा- डॉ कल्पना चावला

आमने-सामने
by अमृता नंदी जोशी
अंतरिक्ष में कदम रखने वाली पहली भारतीय अमरीकी महिला अंतरिक्ष यात्री- डॉ कल्पना चावला की हरियाणा के छोटे से गाँव से अंतरिक्ष तक यात्रा वास्तविक और लाक्षणिक दोनों तरह से लम्बी और अदभुत रही है। पढ़िए हज़ारों युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा का श्रोत- कल्पना की जीवनी।
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न जाने मैं कौन सी मिट्टी की बनी हूँ- होमाइ व्यारावाला

by श्रेया- निमिषा
"यह उस समय की बात है जब कैमरे के वज़न, उसके टंगस्टन बल्ब और उसकी कारीगरी में इंसान फंस जाता था। एक बटन और फ़ोटो हज़ार वाली तकनीक कल्पना के बाहर थी।" उस वक्त स्वतंत्रता संग्राम का जोश पूरे भारत में फैला हुआ था और ऐसे माहौल का ऐतिहासिक दस्तावेज़ीकरण करने वाली एकमात्र महिला छायाकार थीं- होमाइ व्यारावाला।
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सशक्त इरादे- मन में विशवास- मेरी कॉम

by जुही जैन
पढ़िए मणिपुर की चैम्पियन मुक्केबाज़ एम. सि. मैरी कॉम की इस पुरुषों के अधिपत्य वाले खेल में अपनी जगह बनाने की यात्रा की कहानी।
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सशस्त्र, सशक्त और सशक्तिकरण- इरोम शर्मिला चानू

संवाद
by सुनीता ठाकुर
पूरे पूर्वोत्तर में लागु 'आर्म्ड फ़ोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट' के विरोध में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मीला ने साल 2000 में भूख हड़ताल शुरू की थी जो आज तक जारी है। शांति बहाली और उग्रवाद ख़त्म करने के नाम पर भारतीय सेना के अत्याचार बंद करवाने की दिशा में इरोम अहिंसक आंदोलन और ढृढ़ इच्छाशक्ति की प्रतीक हैं।
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मेरी संस्कृति, मेरी विरासत- आजी और मां

आमने- सामने
by सुजाता पारमिता
इस लेख में दलित नारीवादी विचारक सुजाता पारमिता अपनी आजी (नानी) और मां के जीवन के बारे में लिखती हैं। इन दोनों को अपने जीवन में प्रेरणा का सबसे महत्वपूर्ण श्रोत बताते हुए वे लिखती हैं कि भले ही उनकी आजी और मां जीवन भर अपनी परिस्थितियों से संघर्ष करती रहीं, कभी जीतीं, कभी हारी भी पर उनकी प्रतिबद्धता में कभी कमी नहीं आई। जीवन भर वे गुलाम भारत में दलित महिलाओं की स्थिति व सरोकारों से जुड़ी रहीं।

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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