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अपने हकों के लिए संघर्ष जारी है

आमने-सामने
by दयामणि बारला
इस लेख में दयामणि बारला अपने आदिवासी व दलित किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष से जुड़े अनुभवों को बांटती हैं। इस लेख के माध्यम से दयामणि सरकार के कई दर्जनों गाँवों और आदिवासी इलाकों को विस्थापित करके स्टील प्लांट, बिजली उत्पादन परियोजनाएं आदि लगवाने के विनाशकारी विकास के विचार के विरुद्ध चल रहे जन आंदोलन की ओर ध्यान आकर्षित करती हैं।
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आदमी से उम्मीद कैसी- अंजू

संवाद
by दीप्ति श्रीवास्तव
इस लेख में जी. बि. रोड, राजधानी दिल्ली के रेड-लाइट एरिया में रहने वाली यौनकर्मी महिला, अंजू से बातचीत के कुछ अंश, उनके अपने शब्दों में ही बांटा गया है। इस काम में मजबूरीवश आने वाली अंजू एक ऐसी सशक्त औरत का प्रतीक है जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद एक सुनहरे कल के सपने को देखने की हिम्मत की है।
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परम्परा व आधुनिकता के बीच- अतिया हुसैन

by रक्षंदा जलील
अतिया हुसैन एक नारीवादी लेखिका व प्रसारणकर्ता थीं। अवध के परम्परावादी मुसलमान परिवार में जन्मी और उदारवादी अंग्रेजी शिक्षा द्वारा गढ़ी अतिया हुसैन के लेखन परम्परा व आधुनिकता का अनोखा मिश्रण है। अतिया ने अपने लेखन से एक बहुसांस्कृतिक, अनेकवादी और समन्वयवादी दुनिया की तस्वीर बनाई जो हमें आज भी प्रेरित करती है। आगे पढ़िए...
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बड़ी मुश्किल है राह पनघट की- नैना देवी

आमने-सामने
by विद्या राव
ठुमरी गायकी के क्षेत्र में नैना देवी का नाम अतुलनीय है। तमाम चुनौतयों का सामना करते हुए उन्होंने ऐसे समय संगीत को अपना व्यवसाय बनाया जिस दौर में इज़्ज़तदार परिवारों की गिनी-चुनी महिलाएं ही इस क्षेत्र में कदम रखने का सहस जूटा पाती थीं। इसमें भी जो महिलाएं संगीत की तालीम हासिल करने या गाने की हिम्मत करती थी वे ख़याल गायकी को अपनाती थीं। ठुमरी व ग़ज़ल गायन शैली जो तवायफों की परंपरा से जुड़ी थी की तरफ औरतों का रुझान कम ही था। पढ़िए इनकी प्रेरणादायक जीवनी।
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अक्का महादेवी

संवाद
by अनामिका
प्रस्तुत लेख दक्षिण की भक्त कवयित्री, अक्का महादेवी के जीवन पर आधारित है। कहते हैं कि जिस प्रकार मीरा कृष्ण की खोंज में लीन थीं उसी प्रकार अक्का महादेवी शिव के दर्शन की प्रार्थी थीं।
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अन्या से अनन्या तक की यात्रा-जद्दनबाई

आमने-सामने
by नग़मा जावेद मलिक
भारत की पहली महिला फिल्म निर्माता और संगीतकार जद्दनबाई ने एक ऐसे माहौल में जन्म लिया जिन्हें 'कोठेवालियां' कहा जाता है। लेकिन ऐसी परिस्थितयों में पैदा होने के बावजूद जिस प्रकार जद्दनबाई ने अपनी सीमित परिधि से निकल कर बम्बई नगरी की फ़िल्मी दुनिया में अपनी एक पहचान और जगह बनाई यह अपने में एक मिसाल है। आगे पढ़िए...

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Concept: Jagori | Content: Amrita Nandy | Design: Avinash Kuduvalli
Development and Maintenance: Zenith Webtech

About Living Feminisms

Living Feminisms is an attempt to share archives preserved by Jagori, a New Delhi-based feminist organisation from the eighties. It offers subjective accounts by our curators as well as access to publications, songs, pamphlets, posters, photographs, poems etc. Together, they reflect the diverse spectrum that is the autonomous Indian women’s movement, its struggles, solidarities and differences, laughter, anger, carefree moments, campaigns, love, loss, work and home.

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