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पारो

मेवात में खरीदी हुई एक औरत
by शफीकुर रेहमान खान
इस पुस्तिका में हरियाणा के मेवात जिले में खरीदी जाने वाली लड़कियों, जिन्हे 'पारो' के नाम से सम्बोधित किया जाता है, उनपे किये गए शोध के निष्कर्ष प्रस्तुत हैं। यह शोध पुस्तिका 'पारो' महिलाओं की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक परिस्थितियों व जीवन संघर्ष को उजागर करती है। इन लड़कियों की खरीददारी के पीछे सामाजिक व सांस्कृतिक पितृसत्तात्मक सोच व नियंत्रण का जटिल ताना-बाना नज़र आता है। यह शोध स्पष्ट करता है की पारो का आयात केवल मात्र भ्रूणहत्या जैसे दुष्कर्म से उत्पन्न हुए लड़कियों की कमी के वजह से ही नहीं होता। वास्तव में यह एक ऐसे समाज की विकृत मानसिकता का प्रतिबिम्ब है जहाँ औरतों को पुरुष के यौन ज़रूरतों को पूरा करने का साधन मात्र समझा जाता है।

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